Read this article in Hindi to learn about the various methods and difficulties of human resource valuation.

मानव संसाधन मूल्यांकन की विधियाँ/मॉडल (Methods/Models of Human Resource Valuation):

समय-समय पर संगठनों में मानवीय संसाधनों के मूल्य को मापने हेतु विशेषज्ञों द्वारा अनेक तरीके/मॉडल सुझाये गये हैं । पहले वाली विधियाँ मानवीय संसाधनों की लागत से जुड़ी मूल्यांकन पर आधारित थीं जैसे भर्ती, चयन, प्रशिक्षण तथा विकास पर व्यय की गई ऐतिहासिक लागतें अथवा प्रतिस्थापन लागत या अवसर लागत । लागत व्यवस्था मानवीय संसाधनों की सम्भावित सेवाओं के मूल्य की अनदेखी करती थी ।

अत: लागत आधारित विधियों की अपेक्षा अनेक मूल्यांकन मॉडल सुझाये गये हैं, जिनमें अग्र उल्लेखनीय हैं:

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1. बट्टे पर दी गई मजदूरी तथा वेतन/वर्तमान मूल्य विधि (Discounted Wages and Salaries/Present Value Method):

हार्मनसन ने एक संयुक्त मूल्यांकन व्यवस्था की रूपरेखा दी है जिसे उन्होंने ‘समायोजित वर्तमान मूल्य विधि’ बताया है । इसमें सर्वाधिक अद्यतन सामान्य प्रत्याय दर पर बट्टे पर दी गई प्रत्याशित मजदूरी भुगतान के शुद्ध वर्तमान मूल्य की स्थापना का समावेश है और फिर निष्पत्ति को प्रभावोत्पादकता के भारित औसत द्वारा परिणामों का परिमार्जन किया जाता है अर्थात् भारित कार्यक्षमता अनुपात ।

यह उद्योग में स्वामित्व धारित सम्पत्तियों पर प्रत्याय या आय की औसत दर के विपरीत चालू कार्य के लिए निजी सम्पत्तियों की आय की दर है । उद्योग में औसत के आधिक्य की प्रत्याय को ‘ख्याति’ कहा जा सकता है जिसे मानवीय सम्पत्तियों के कुल सम्पत्तियों के अनुपात के रूप में मानवीय संसाधनों पर आबंटित किया जा सकता है ।

इस प्रकार का एक अन्य विवरणात्मक मॉडल ली तथा स्कावर्ट द्वारा सुझाया गया था । उन्होंने सर्वप्रथम संसाधनों की आर्थिक मूल्य विचारधारा को प्रारम्भ किया था । उन्होंने कर्मचारियों के वेतन को उनका आर्थिक मूल्य निर्धारित करने का आधार बनाया ।

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उनके अनुसार किसी फर्म के मानवीय संसाधनों का मूल्य निवेश की प्रत्याय दर (पूँजी की लागत) द्वारा बट्टाकाट कर्मचारियों की अनुमानित भावी आय का वर्तमान मूल्य है ।

इस मॉडल की मान्यता है कि:

(i) कर्मचारी सेवानिवृत्त होने तक फर्म में बने रहेंगे,

(ii) आय का लेखा-जोखा मानवीय संसाधनों के मूल्यांकन हेतु आधार है ।

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यह मॉडल कर्मचारी आवर्त तथा उनके भविष्य विकास गतिशीलन (संगठन के भीतर) को ध्यान में नहीं रखता ।

2. स्टॉक्रिस्टिक प्रक्रिया सेवा पुरस्कारों के साथ (Stochastic Process with Service Rewards):

इस मॉडल के अनुसार किसी संगठन के लिए किसी व्यक्ति के मूल्य का अन्तिम माप उसका वह प्रत्याशित विश्वसनीय मूल्य है जो उसके द्वारा संगठन में सम्भाली जाने वाली पदस्थितियों पर निर्भर करता है ।

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किसी व्यक्ति का प्रत्याशित वसूली योग्य मूल्य उसका स्थितिगत मूल्य (संगठन द्वारा व्यूत्पन्न की जाने वाली संभावित सेवाओं का वर्तमान मूल्य) तथा वह सम्भावना जो व्यक्ति अपने प्रत्याशित सेवाकाल में रखेगा, के गुणनफल के बराबर होती है । स्थितिगत मूल्य में- उत्पादकता, हस्तांतरणीयता तथा पदोन्नति योग्यता घटकों का समावेश है ।

कर्मचारी चातुर्य तथा अभिप्रेरणा व्यक्ति द्वारा किया गया अथवा सौंपा गया काम तथा संगठनात्मक पुरस्कार स्थितिगत मूल्य के निर्धारक तत्व हैं- यद्यपि अपनी उपादेयता के होते हुए भी संभावनाओं के निर्धारण तथा व्यक्तिगत आधार पर भावी गतिशीलन के पूर्वानुमान के खचीलेपन की समस्या के कारण इस मॉडल को वास्तविक परिस्थितियों में लागू करना कठिन होता है ।

3. मोर्से का मॉडल (Morse’s Model):

प्रो. मोर्से ने संगठन के प्रति मानवीय सम्पत्तियों के मूल्य तथा कर्मचारियों के प्रति मानवीय पूंजी के मूल्य के बीच अन्त: सम्बन्ध पर आधारित मूल्यांकन मॉडल की सिफारिश की है ।

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मानवीय सम्पत्तियों का वर्तमान मूल्य इस प्रकार मानवीय संसाधनों के कुल वर्तमान मूल्य में से कर्मचारियों को भुगतान के वर्तमान मूल्य को घटाकर आई राशि के बराबर होता है ।

4. जग्गी लव मॉडल (Jaggi Lav Model):

जग्गी तथा लव मॉडल व्यक्तियों की अपेक्षा समूहों के मूल्यांकन पर आधारित है । समूह शब्द से कर्मचारियों के एक समूह के रूप में काम करने वाले समान समूह का बोध होता है । ऐतिहासिक समंकों के प्रयोग के साथ कर्मचारी गतिशीलन पैटर्नों को कर्मचारियों के समूह हेतु सम्भावनाओं के रूप में व्यक्त किया जाता है ।

समूह आधार पर कर्मचारियों का प्रत्याशित ठहराव प्रत्येक पदस्थिति में उस प्रत्याशित सेवा अवधि से गुणा करके निकाला जा सकता है जो वे फर्म में अपने काल के दौरान सम्भालेंगे । यह मॉडल मानवीय संसाधनों के मूल्य के निर्धारण हेतु आधार प्रदान करता है ।

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5. स्वाट मायर्स तथा विनसैन्ट फ्लॉवर्स मॉडल (Scott Myers and Vincent Flowers Model):

यह मॉडल सुझाव देता है कि किसी कर्मचारी की निष्पत्ति उपक्रम के प्रति उसके मूल्य तथा अनेक चर जैसे ज्ञान चातुर्य स्वास्थ्य उपलब्धता तथा रुझान जो परस्पर अन्त: सम्बन्धित हैं कार्य का प्रतिनिधित्व करती है । इन चरों में, रुझान सर्वाधिक महत्वपूर्ण चर है ।

अत: व्यक्तिगत रूप से कर्मचारियों का रुझान स्तर तथा उनका क्रमश: स्थान कर्मचारियों के समूह के लिए सूचकांक तक पहुँचने में काम लाया जा सकता है । रुझान सूचकांक तथा वार्षिक वेतन का गुणनफल कर्मचारी का मूल्य माना जा सकता है । इस मूल्य तथा वार्षिक वेतन के बीच अन्तर को संगठन में व्यक्ति के सतत् रोजगार से लाभ या हानि के रूप में माना जाता है ।

6. पैकिन ऑगर्न का मॉडल (Pekin Organ’s Model):

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‘मूल्य उन्मुख परिणामीकरण’ के रूप में जानी गई व्यवस्था वाला यह मॉडल कर्मचारियों के कुल बट्टा काट निश्चितता समतुल्य शुद्ध लाभों को किसी पेशेवर सेवा संगठन के मानवीय संसाधन के कुल समायोजित शुद्ध वर्तमान मूल्य के समतुल्य निर्धारित करने के लिए प्रयोग किया जाता है ।

किसी कर्मचारी के लिए निश्चितता समतुल्य शुद्ध लाभ प्रवाह में दो तत्वों का समावेश होता है:

(a) कर्मचारी के प्रत्याशित लाभों तथा कुल लागत के कार्य के रूप में किसी कर्मचारी के शुद्ध लाभ,

(b) एक निश्चितता घटक जिसमें सतत् रोजगार की सम्भावना तथा कर्मचारी के बने रहने की सम्भावना शामिल हैं ।

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मानवीय संसाधनों के मूल्यांकन में निहित कठिनाइयाँ (Difficulties in Valuing Human Resources):

मानवीय संसाधनों के मूल्यांकन में आने वाली कुछ महत्वपूर्ण कठिनाइयाँ निम्न प्रकार हैं:

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1. मानवीय संसाधन अनेक तरीके से भौतिक संसाधनों से भिन्न होते हैं जैसे भौतिक संसाधनों के उपयोग से कार्यक्षमता का ह्रास होता है जबकि आयु तथा अनुभव मानवीय संसाधनों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं । अत: किस प्रकार इस वृद्धि का मूल्यांकन किया जाये ?

2. मानवीय संसाधनों पर किए व्यय को ‘पूँजीगत व्यय’ तथा ‘आयगत व्यय’ के रूप में वर्गीकृत करने में कठिनाई आती है ।

3. मानवीय संसाधनों का जीवन अनिश्चित होता है । ऐसी अनिश्चितता में भावी अनुमान लगाना सम्भव नहीं हो पाता, अत: पुस्तकों में ऐसी अनिश्चितता के बारे में प्रावधान कैसे किया जाये ?

4. क्या ख्याति का मूल्य मानवीय कार्यक्षमता मूल्य में शामिल होगा ? यदि हाँ, तो मानवीय संसाधनों का मूल्यांकन कैसे किया जाये ?

5. एक सम्पत्ति के रूप में यदि ख्याति को चिट्ठे में शामिल किया जाता है तो समय-समय पर इसके मूल्य में होने वाली वृद्धि या कमी को किस प्रकार दिखाया जाये ?

(vi) मानवीय संसाधनों का मूल्यांकन कभी-कभी टीम के आधार पर किया जाता है न कि व्यक्तिगत आधार पर और टीम को मानवीय संसाधन के रूप में मूल्यांकित करना एक काफी जटिल समस्या है । मानवीय संसाधनों को टीम के रूप में मूल्यांकित करने की विधियाँ सुझाई जानी चाहिए ।

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