Here is an essay on ‘Human Resource Development’ for class 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on ‘Human Resource Development’ especially written for school and college students in Hindi language.

Essay on Human Resource Development


Essay Contents:

  1. मानव संसाधन विकाश का अर्थ (Meaning of Human Resource Development)
  2. मानव संसाधन विकास की परिभाषाएँ (Definitions of Human Resource Development)
  3. मानव संसाधन विकास-अवधारणा (The Concept of HRD)
  4. मानव संसाधन विकास की विशेषताएँ (Features/Characteristics of Human Resource Development)
  5. मानव संसाधन विकास के उद्देश्य (Objectives of Human Resource Development)
  6. मानव संसाधन विकास के लाभ (Benefits of Human Resource Development)


Essay # 1. मानव संसाधन विकाश का अर्थ (Meaning of Human Resource Development):

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हेनरी फोर्ड का कथन है- ”मुझसे मेरी इमारतें ले लो, मेरी मशीनें एवं सारी पूँजी ले लो किन्तु मेरे कर्मचारियों को छोड़ दो, मैं दोबारा से हेनरी फोर्ड बन जाऊँगा ।” हेनरी फोर्ड का यह वक्तव्य साबित करता है कि एक संगठन में व्यक्ति महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं ।

वास्तव में, मानवीय संसाधनों का प्रबन्ध करना सबसे महत्त्वपूर्ण एवं केन्द्रीय कार्य है क्योंकि अन्य सभी संसाधनों का उचित अथवा अनुचित उपयोग मानवीय तत्वों पर निर्भर करता है । अन्य शब्दों में, मानवीय संसाधनों के सहयोग के बिना संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करना सम्भव नहीं है ।

मानवीय संसाधनों से अभिप्राय संगठन की श्रमशक्ति के ज्ञान, कौशल, योग्यताओं, मूल्यों, अभिरुचियों एवं विश्वासों से है । वास्तव में, योग्य एवं कुशल श्रमशक्ति ही संगठन की कार्यकुशलता एवं प्रभावपूर्णता का निर्धारण करती है । अन्य तत्वों के समान होने पर एक संगठन जिसकी श्रम शक्ति योग्य है वह उस संगठन की तुलना में अधिक प्रभावी होगी जिसमें कि कम योग्य श्रमशक्ति है ।

अन्फ्रेड पी. सोलन के शब्दों में- ”अधिकांश व्यवसाय एक जैसे ही हैं केवल व्यक्तियों को छोड़कर ।” अत: मानवीय संसाधनों की विशिष्टता ही संगठनों को श्रेष्ठ बनाती है ।


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Essay # 2. मानव संसाधन विकास की परिभाषाएँ (Definitions of Human Resource Development):

मानव संसाधन विकास (HRD) को विभिन्न विद्वानों ने विभिन्न शब्दों द्वारा परिभाषित किया गया है ।

मानव संसाधन विकास (HRD) की कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं:

(1) लियोनार्ड नेडलर के अनुसार- ”मानव संसाधन विकास संगठित क्रियाओं की श्रृंखला है जो कि एक विशिष्ट समय में व्यावहारिक परिवर्तन लाने के लिए डिजाइन की जाती है ।”

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(2) प्रोफेसर टी. वी. राव के शब्दों में- “मानव संसाधन विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा संस्था में कार्यरत कर्मचारियों की निरन्तर नियोजित तरीके से सहायता की जाती है जिससे कि वे (i) अपने वर्तमान एवं भावी कार्यों के निष्पादन के लिए आवश्यक योग्यताओं को हासिल करें एवं उनका विकास कर सकें । (ii) एक व्यक्ति के रूप में अपनी सामान्य योग्यताओं का विकास एवं अपने अन्दर छुपी हुई प्रतिभाओं को खोज कर उनका उपयोग अपने स्वयं एवं संगठन के विकास के उद्देश्यों के लिए कर सकें । (iii) संगठन में एक ऐसी संस्कृति का विकास कर सकें जिसमें कि पर्यवेक्षक-अधीनस्थ सम्बन्ध, टीम भावना, उप इकाइयों में सहयोग को मजबूत कर सकें एवं कर्मचारियों के व्यावसायिक कल्याण अभिप्रेरण तथा गर्व में योगदान दे सकें ।”

(3) एम. एम. खान के अनुसार- ”मानव संसाधन विकास व्यावहारिक संस्था के सभी स्तरों पर कार्य करने वाले व्यक्तियों में ज्ञान, योग्यताओं एवं धनात्मक कार्य की अभिरुचि को बढ़ाने की प्रक्रिया है ।”

(4) सी. एस. सांकेर के शब्दों में- ”मानव संसाधन विकास सेविवर्गीय क्षेत्र में विकासात्मक दिशा में सुनियोजित प्रयास है जो कि संगठन में मानव संसाधन के विकास, उनकी वर्तमान योग्यताओं को सुधारने तथा नई क्षमता को हासिल करने से सम्बन्धित है जिससे कि संगठन एवं व्यक्तियों के उद्देश्य प्राप्त हो सकें ।”

(5) के. सी. गुप्ता के अनुसार- ”मानव संसाधन विकास, मानव संसाधनों की वर्तमान एवं भावी कौशल को सुरक्षित करने, बनाये रखने एवं सुधारने का साधन है जिसके कि उत्पादकता में वृद्धि हो तथा अन्तत: व्यक्तियों एवं स्वयं का फायदा हो ।”


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Essay # 3. मानव संसाधन विकास-अवधारणा (The Concept of HRD):

मानव संसाधन विकास की अवधारणा की उत्पत्ति अभी नयी है । ये प्रबन्ध के क्षेत्र में एक सर्वाधिक चर्चित एवं बहस का विषय है । मानव संसाधन विकास (HRD) पिछले एक दशक में काफी लोकप्रिय हुआ है ।

अधिकतर संगठनों ने मानव संसाधन विकास (HRD) विभागों की स्थापना की है एवं मानव संसाधन विकास प्रबन्धकों (HRD Managers) की भी नियुक्ति की है । मानव संसाधन विकास (HRD) की अवधारणा का परिचय औपचारिक रूप से 1968 में प्रोफेसर लियानोर्ड (Prof. Leonard) द्वारा दिया गया ।

उन्होंने इस अवधारणा का परिचय ‘प्रशिक्षण एवं विकास की अमेरिकन सोसायटी’ (American Society for Training and Development) द्वारा आयोजित कान्फ्रेंस में दिया । भारत में, लारसन एवं टर्बो (Larsen and Turbo); एक निजी क्षेत्र की कम्पनी ने 1975 में इस अवधारणा को अपने संगठन में लागू किया ।

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पब्लिक सेक्टर कम्पनियों में, ‘भारत हैवी इलैक्ट्रिकल्स लिमिटेड’ (Bharat Heavy Electricals Limited) ने इस अवधारणा को 1980 में अपनाया । मानव संसाधन विकास (HRD) एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि व्यक्तियों के ज्ञान, कौशल एवं योग्यताओं के विकास से सम्बन्धित है ।

इसका उद्देश्य लोगों द्वारा योग्यता हासिल करने, उनके व्यक्तिगत तथा संस्थागत उद्देश्यों की प्राप्ति में योगदान देने में सहायता करना है । अत: मानव संसाधन विकास (HRD) व्यक्तियों के वर्तमान एवं भावी कौशल बढ़ाने तथा उनके व्यक्तिगत एवं संगठन के उद्देश्यों की प्राप्त में सहायता करता है ।


Essay # 4. मानव संसाधन विकास की विशेषताएँ (Features/Characteristics of Human Resource Development):

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मानव संसाधन विकास की महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

(1) मानव संसाधन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कि कर्मचारियों को मानव संसाधन माना जाता है । यह अवधारणा मानती है कि मानवीय संसाधन संगठन की मूल्यवान सम्पत्ति है ।

(2) यह अवधारणा संगठन के मानव संसाधनों के विकास पर बल देती है । यह संगठन के कर्मचारियों को उनके वर्तमान कार्यों एवं भविष्य में किये जाने वाले कार्यों के संदर्भ में उनकी सामान्य योग्यताओं के विकास में सहायता करती है ।

(3) यह धारणा कर्मचारियों एवं संगठन के हित में व्यक्तियों के विकास एवं उनकी योग्यताओं के अधिकतम उपयोग पर जोर देती है ।

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(4) इससे आपसी व्यक्तिगत सम्बन्धों के विकास/स्थापना में सहायता मिलती है । यह धारणा सहायता, भरोसा एवं विश्वास पर आधारित है ।

(5) इससे कर्मचारियों में टीम-भावना बढ़ती है ।

(6) यह संस्था के स्तर पर योग्यताओं के विकास को बढ़ाने की कोशिश करती है एवं संगठन के विकास के लिए स्वस्थ वातावरण प्रदान करने पर जोर देती है ।

(7) मानव संसाधन विकास एक पद्धति है । इसकी कई उप-पद्धतियाँ हैं । यह सभी उप-पद्धतियाँ आपस में जुड़ी हुई एवं सम्बन्धित हैं । यह सभी उप-पद्धतियों के जोड़ पर बल देती है ।

(8) मानव संसाधन विकास संगठन का उद्देश्य एक ऐसी संस्कृति विकसित करना है जिसमें अच्छे वरिष्ठ-अधिनिष्ठ सम्बन्ध, अभिप्रेरणा, गुणवत्ता एवं अपनेपन की भावना हो ।

(9) यह संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत, अन्तव्यक्तिगत, सामूहिक एवं संगठन के स्तर पर योग्यता विकसित करता है ।

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(10) यह एक अन्तर-अनुशासनात्मक धारणा है । यह समाजशास्त्र मनोविज्ञानशास्त्र एवं अर्थशास्त्र की धारणा एवं विचारों पर आधारित है ।

(11) मानव संसाधन विकास कर्मचारी, कल्याण एवं कार्यशैली की गुणवत्ता का आधार है । यह कर्मचारी की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पहचान कर उसे पूरा करने का सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता है ।

(12) मानव संसाधन विकास एक निरन्तर एवं व्यवस्थित सीखने की प्रक्रिया है । विकास एक कभी न अन्त होने वाली एवं लम्बी प्रक्रिया है ।

मिस्टर हेराल्ड रिक्टर, हैड, डिपार्टमेन्ट ऑफ सीनियर एकजीक्यूटिव्स, बॉसर एजी ने मानव संसाधन विकास की निम्नलिखित 8 विशेषताएँ बताई हैं:

(1) व्यक्तियों में सीखने की योग्यता है इन्हें सीखने के अवसर प्रदान कर विकसित किया जा सकता है ।

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(2) मानव संसाधन विकास के विनिवेश एक दीर्घकालीन विनिवेश है । मानव संसाधनों के विकास में विनिवेश करके दीर्घकालीन लाभों को बढ़ाया जा सकता है ।

(3) मानव संसाधनों का उचित शिक्षा एवं प्रशिक्षण से विकास किया जा सकता है । मानव संसाधन विकास केवल देश की ही जिम्मेदारी नहीं है । मानव संसाधन विकास क्रियाओं में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया जाना चाहिए ।

(4) मानव संसाधन विकास एक दीर्घकालीन अवधारणा है । इसका कोई वैकल्पिक एवं अल्पकालीन रास्ता नहीं है ।

(5) मानव संसाधन विकास के लिए व्यक्तियों, उद्योग संघों एवं सरकार में सामूहिक समझ की आवश्यकता है ।

(6) मानव संसाधन विकास सभी स्तरों पर आवश्यक है । यह धारणा इस बात पर बल देती है कि नई तकनीक सीखने के लिये व्यक्तियों का बार-बार प्रशिक्षण एक विकास की निरन्तर आवश्यकता है ।

(7) मानव संसाधन विकास प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता समझता है । यह इस बात पर जोर देता है कि कार्य पर प्रशिक्षण (On the Job Training), कक्षा में प्रशिक्षण (Classroom Training) में बेहतर है ।

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(8) मानव संसाधन विकास उद्योग की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है । यह व्यक्तियों एवं संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता करता है । अत: मानव संसाधन विकास की गति उद्योग की आवश्यकताओं पर निर्भर है ।

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Essay # 5. मानव संसाधन विकास के उद्देश्य (Objectives of Human Resource Development):

मानव संसाधन विकास के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

(1) अपनी वर्तमान जॉब से सम्बन्धित मानव संसाधनों की योग्यताओं एवं क्षमताओं को विकसित करना ।

(2) भावी जॉब/रोल से सम्बन्धित क्षमताओं एवं योग्यताओं को विकसित करना ।

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(3) व्यक्तियों एवं संगठनात्मक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, व्यक्तिगत अन्तर्व्यक्तिगत, समूह एवं संगठनात्मक स्तर पर योग्यताओं को विकसित करना ।

(4) व्यक्तियों के विकास में सहायता करना एवं उनका समाज एवं राष्ट्र हित में अधिकतम उपयोग करना ।

(5) कर्मचारियों के कैरियर नियोजन में सहायता करना ।

(6) संगठन के कर्मचारियों में टीम-भावना एवं अन्तर-व्यक्तिगत सम्बन्धों का विकास करना ।

(7) कर्मचारियों को कृत्य धनी (Job-Enrichment), खुलापन (Openness) नव-प्रवर्तन की सोच (Innovative) बेहतर सम्प्रेषण उपलब्ध कराना ।

(8) कर्मचारियों के योगदान के लिए उन्हें उचित पुरस्कार द्वारा प्रोत्साहित करना ।

(9) उच्च स्तर पर महत्वपूर्ण पदों के लिए योग्य एवं समर्पित व्यक्ति उपलब्ध कराना ।

(10) बेहतर संगठनात्मक विकास पद्धति को हासिल करना जिससे कि संगठन परिवर्तनों का प्रभावपूर्ण ढंग से सामना कर सकें ।

(11) एक उचित मानव संसाधन सूचना प्रणाली विकसित करना ।

(12) संगठनात्मक प्रभावपूर्ण को बढ़ाना । उच्च उत्पाद कम लागतें, अधिक लाभ, बेहतर संगठन छवि विकसित करना ।

(13) संगठनात्मक संस्कृति विकसित करना ।


Essay # 6. मानव संसाधन विकास के लाभ (Benefits of Human Resource Development):

आजकल मानव संसाधन विकास को किसी भी संगठन के लिए उच्च उत्पादकता, अच्छे सम्बन्धों एवं अधिकतम लाभ उपार्जन क्षमता की कुंजी (Key) माना जाता है । उचित मानव संसाधन विकास से सम्बन्धित संगठन को असीमित लाभ होते हैं ।

मानव संसाधन विकास (HRD) के कुछ महत्त्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:

(1) मानव संसाधन विकास व्यक्तियों को अधिक योग्य बनाता है, इससे सम्बन्धित संगठन के व्यक्तियों में नये कौशल, ज्ञान एवं दृष्टिकोण का विकास होता है ।

(2) उचित मानव संसाधन विकास कार्यक्रम द्वारा व्यक्ति अपने कार्य के प्रति अधिक समर्पित हो जाते है । एक स्वीकृत कार्य निष्पादन मूल्यांकन प्रणाली द्वारा व्यक्तियों के कार्य का मूल्यांकन किया जाता है ।

(3) मानव संसाधन विकास द्वारा पूर्ण विश्वास एवं आदि का वातावरण बनाया जा सकता है ।

(4) मानव संसाधन विकास द्वारा परिवर्तन को स्वीकार किया जा सकता है । इस प्रणाली से कर्मचारी स्वयं को समस्या समाधान की योग्यता के लिए बेहतर मानते हैं ।

(5) इससे कर्मचारी का सर्वांगीण होता है । मानव संसाधन विकास से संगठन में टीम भावना बढ़ती है । उनके व्यवहार में खुलापन आता है । अत: नये मूल्यों का निर्माण होता है ।

(6) मानव संसाधन विकास से संगठन में कार्यकुशल संस्कृति के निर्माण में सहायता मिलती है । इससे संगठन कार्यकुशलता बढ़ती है । संसाधनों का उचित उपयोग होता है तथा उद्देश्यों को बेहतर ढंग से प्राप्त किया जा सकता है ।

(7) मानव संसाधन विकास से संगठन में श्रमिकों की हिस्सेदारी बढ़ती है । इससे श्रमिकों का रोल बढ़ता है एवं कार्य करते समय उनमें गर्व एवं उपलब्धि की भावना जाग्रत होती है ।

(8) मानव संसाधन विकास कर्मचारी कार्यक्रम एवं नीतियों के बारे में उपयोगी एवं प्रत्यक्ष कड़े एकत्रित करने में सहायता करता है जिससे मानव संसाधन नियोजन में सहायता मिलती है ।

इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि मानव संसाधन विकास से प्रत्येक संगठन को अनेक लाभ होते हैं । अत: संगठन के वर्तमान एवं भावी चुनौतियों का सामना करने में मानव संसाधन विकास की धारणा को समझा जाना चाहिए एवं इसे महत्वपूर्ण स्थान दिया जाना चाहिए ।


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