Here is an essay on ‘Internet’ especially written for school and college students in Hindi language.

Essay # 1. इण्टरनेट का अर्थ (Meaning of Internet):

यदि हम यह कहें कि आधुनिक संचार व्यवस्था का आधारभूत स्तम्भ इण्टरनेट ही है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी यह आधुनिक विश्व के विभिन्न स्थानों पर स्थापित कम्प्यूटर्स के नेटवर्क को टेलीफोन लाइन की सहायता से जोड़कर एक अत्याधुनिक अन्तर्राष्ट्रीय सम्प्रेषण मार्ग है जिस पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक सूचनाएँ बहुत ही शीघ्रता से पहुंच जाती है ।

यह एक ऐसा नेटवर्क है जो सरकार, विभिन्न सस्थानों एवं अनेक प्रकार के विभागों को आपस में जोड़ता है । आधुनिक समय में इसका प्रयोग प्रत्येक छोटी-से-छोटी तथा बड़ी-से-बड़ी आवश्यकताओं का विकल्प है एवं अनेक व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा इसे अपनाया जाता है । इस प्रकार सूचना प्रसारण के इस बढ़ते हुए युग में इण्टरनेट का महत्त्व बहुत ही बढ़ता जा रहा है ।

वैसे तो इण्टरनेट का प्रारम्भ अमरीका ने सन् 1986 में ही आपने प्रतिरक्षा विभाग में आंकड़ों को भेजने तथा प्राप्त करने के लिए कर लिया था, किन्तु सन् 1990-91 में शीत युद्ध की समाप्ति के पश्चात् इसका प्रयोग जन सामान्य के लिए खोल दिया गया । आज हर जगह इसकी सुविधा उपलब्ध है । इण्टरनेट का प्रादुर्भाव अंग्रेजी के दो शब्दों ‘इण्टरनेशनल’ एवं ‘नेटवर्क’ को इकट्‌ठा करके बनाया गया है जिसका अभिप्राय ‘विश्वव्यापी तन्त्र से है’ । अब इण्टरनेट इतना लोकप्रिय हो गया है कि कुछ ही वर्षों में यह 50 मिलियन व्यक्तियों से भी अधिक तक पहुँच गया है ।

इण्टरनेट के कुछ मुख्य भाग निन्नलिखित हैं:

(i) मुख्य सूचना सम्प्रेषण (Server),

(ii) टेलीफोन एवं मोडम (Telephone and Modem),

(iii) क्षेत्रीय नेटवर्क का वृहत् क्षेत्रीय नेटवर्क (Lan or Wan),

(iv) उपग्रह संचार (Satellite Communication),

(v) केबल नेटवर्क (Cable Network) ।

इण्टरनेट के प्रयोग करने के लिए इण्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (Internet Service Provider) का सदस्य बनना अति आवश्यक है । भारत में यह कार्य BSNL कर रहा है । इसके अतिरिक्त हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है ।

एक पी॰सी॰ मल्टीमिडियायुक्त पेण्टियम जिसमें कम-से-कम 16 मेगावाइट कान्टैम उपलब्ध हो, का उपयोग इण्टरनेट के उपयोग के लिए आवश्यक है जिसमें विंडोज टर्मिनल सॉफ्टवेयर, इण्टरनेट एक्सप्लोलर, बकिंजर सॉफ्टवेयर आवश्यक होता है । हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर के अतिरिक्त एक टेलीफोन एवं एक मोडम की आवश्यकता होती है ।

वर्तमान में इण्टरनेट का नया स्वरूप नेटऑन केबल के रूप में है । इसमें विभिन्न कम्पनियाँ केबल का जाल विछाकर घर-घर में टी.वी. पर इण्टरनेट की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं । भारत में इण्टरनेट पिछले 8 वर्षों से कार्य कर रहा है ।

Essay # 2. इण्टरनेट के प्रयोग (Uses of Internet):

वैसे तो इण्टरनेट से हम कई प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त कर सकते है, किन्तु इसका सबसे अधिक प्रयोग निम्न विशेष कार्यों के लिए किया जाता है:

(i) ई-मेल (E-Mail):

यह इण्टरनेट की सबसे अधिक लोकप्रिय सुविधा है । इसके द्वारा एक व्यक्ति पल भर में ही विश्व के किसी भी कोने में सन्देश भेज सकता है । इसमें कागज की बचत के साथ-साथ धन तथा समय की भी बचत होती है । इसके लिए सम्प्रेषणकर्त्ता एवं सम्प्रेषणग्राही दोनों के पास एक ही Website का ज्ञान होना आवश्यक होता है । इसमें प्रमुख Website- Yahoo, Hotmail हैं ।

(ii) वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web):

यह ई-मेल के पश्चात् इण्टरनेट की दूसरी सबसे अधिक लोकप्रिय सुविधा है । इसे www (world wide web) के नाम से जाना जाता है । इसके द्वारा सूचनाओं को विषयानुसार प्रस्तुत किया जाता है ।

(iii) पुशनेट (Pushnet):

इसकी सहायता से सन्देश को इलेक्ट्रानिक बुलेटिन बार्ड पर भेजा जाता है जहाँ इसे कोई भी व्यक्ति देख सकता है ।

(iv) सर्च इंजन (Search Engine):

उपभोक्ताओं को इससे सम्बन्धित जानकारी देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है । इसके द्वारा व्यक्तियों के लिए आवश्यक वेबसाइट का पता लगाना सरल होता है । Yahoo विश्व का सबसे बड़ा सर्च इंजन है ।

(v) टेलनेट (Telnet):

इसके द्वारा इण्टरनेट से जुड़े विश्व के किसी भी कम्प्यूटर पर ‘लॉग इन’ करके उस पर इस प्रकार कार्य कर सकते है जैसे कि वह कम्प्यूटर आपके नियन्त्रण में हो । इसमें एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर आवश्यक नई व उपयोगी सूचनाओं को उतारा जाता है ।

(vi) इण्टरनेट (Intranet):

इण्टरनेट का यह प्रयोग बहुत ही सीमित है । साधारणतया बड़ी संस्थाएँ इसका प्रयोग अपने हेड ऑफिस व शाखाओं से परस्पर सम्पर्क बनाने के लिए करती हैं ।

(vii) यूजनेट (Usenet):

इसकी सहायता से नेटवर्क में शामिल सूचनाओं को किसी विशेष विषय के आधार पर समूहों में बाटा जा सकता है । इसमें एक विषय पर रुचि रखने वाले लोग सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते है ।

(viii) चैट रूम (Chat Room):

इण्टरनेट के इस प्रयोग के द्वारा दूरियाँ भी नजदीकियों में परिवर्तित हो गई हैं । इसमें आवश्यक सन्देश के अतिरिक्त सम्बन्धित व्यक्ति को ‘वेब कैमरा’ के द्वारा अपने कम्प्यूटर स्क्रीन पर देख सकते हैं तथा वह भी आपको देख सकता है ।

(ix) ई-बैंकिंग (E-Banking):

इण्टरनेट के इस प्रयोग ने ‘बैंकिंग के क्षेत्र में नये युग का प्रारम्भ कर दिया है । इसके अन्तर्गत नई-नई बैंकिंग पद्धतियों का प्रयोग निरन्तर बढ़ रहा है ।

(x) ई-कॉमर्स (E-Commerce):

इण्टरनेट के प्रयोग ने सम्पूर्ण विश्व को एक कर दिया है । इसके द्वारा विभिन्न वस्तुओं का क्रय-विक्रय आसानी से किया जा सकता है । इसके लिए क्रेडिट कार्ड का होना आवश्यक है ।

Essay # 3. इण्टरनेट के प्रयोग से उत्पन्न समस्याएँ (Problem from Using Internet):

यद्यपि इण्टरनेट सम्प्रेषण का बहुत लोकप्रिय साधन है, किन्तु फिर भी इसके प्रयोग में कुछ समस्याएँ है जो कि निम्नलिखित हैं:

(i) इण्टरनेट के लिए बहुत ही ज्ञान तथा सूचनाओं की आवश्यकता होती है ।

(ii) कोई भी व्यक्ति किसी का पासवर्ड चुराकर उसके आंकड़ों एवं फाइलों का दुरुपयोग कर सकता है । करगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी कम्प्यूटर विशेषज्ञों ने लगभग 250 भारतीय साइटों को चारी कर लिया था ।

(iii) इण्टरनेट का दुरुपयोग अश्लील साहित्य एवं फिल्मों को प्रदर्शित करने में किया जाता है जो कि समाज के लिए हानिकारक है ।

(iv) इसके प्रयोग में क्रेडिट कार्ड की हेरा-फेरी भी सामने आई है ।

(v) इसकी लोकप्रियता में मुख्यत: अंग्रेजी भाषा का प्रयोग होने के कारण बाधा आ रही है ।

(vi) इण्टरनेट पर ही बम बनाने की तकनीक के बारे में जानकारी दी जा रही है जो कि बहुत ही खतरनाक है ।

(vii) इण्टरनेट पर खतरनाक अपराधी वायरस फैलाते है जो कि कम्प्यूटर के लिए हानिकारक होता है ।

यद्यपि इण्टरनेट के प्रयोग से उपरोक्त समस्याएँ उत्पन्न हो गई है, किन्तु अब इन समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त प्रयत्न किये जा रहे हैं और आशा की जाती है कि शीघ्र ही इन समस्याओं का समाधान भी निकल आयेगा ।

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