Here is an essay on ‘Line and Staff Organisation’ for class 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on ‘Line and Staff Organisation’ especially written for college and management students in Hindi language.

Essay # 1. रेखा एवं कर्मचारी संगठन का अर्थ (Meaning of Line and Staff Organisation):

उपक्रम का आकर बढ़ने, क्रियाओं में विविधता आने, तकनीकी पेचीदगी बढ़ने तथा बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण यह अनुमान किया जाने लगा कि विभागीय अध्यक्ष दैनिक आदेश-निर्देश कार्य के साथ-साथ विशेषज्ञ के रूप में काम नहीं कर सकते । ऐसी परिस्थिति में उन्होंने विशेषज्ञों से विभिन्न क्षेत्रों में सलाह लेना प्रारम्भ किया ।

इस तरह उपक्रम में विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाने लगी अत: लाइन प्रबन्धक कार्यकारी के रूप में काम करने लगे और स्टीफ कर्मचारी इन कार्यकारी प्रबन्धकों को विशिष्ट सलाह देने का काम करने लगे जिसे वे अपना सभी कार्य अधिक कुशलता से कर सकें ।

स्टॉफ कर्मचारियों का कार्य सलाह देना सहायता पहुँचाना, विशिष्ट सेवाएं प्रदान करना, अनुसन्धान करना तथा विशेषज्ञ के रूप में अपना विचार प्रकट करना है । उच्च स्तर पर ये परामर्श देते हैं और निम्न स्तर पर ये सेवाएं प्रदान करते हैं ।

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इस प्रकार इस प्रणाली में “सोचने” (Thinking) तथा “करने” (Doing) की क्रियाओं को अलग-अलग कर दिया जाता है । स्टॉफ सोचने वाला व “परामर्श” (Advice) देने वाला “लाइन” कार्य करने वाला होता है । विशेषज्ञों (कर्मचारियों) की सलाह (Advice) को मानना या न मानना सम्बन्धित रेखा अधिकारी पर निर्भर करता है । इस प्रारूप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अधिकार-सत्ता का क्रम बना रहता है और साथ में विशेषज्ञों को सेवाओं का लाभ भी प्राप्त किया जाता है ।

लुईस ए.ऐलन (Louis A. Allen) के अनुसार- “रेखागत कार्य वे हैं जो उपक्रम के उद्देश्यों को पूरा करने के प्रति प्रत्यक्ष रूपसे उत्तरदायी होते हैं ।” अत: इस परिभाषा से स्पष्ट है कि रेखा अधिकारियों पर संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने का उत्तरदायित्व रहता है ।

लुईस ए. ऐलन (Louis A. Allen) के अनुमार- “कर्मचारी से आशय संगठनों के उन तत्वों (व्यक्तियों) से है जो उपक्रम के प्राद्यमिक उद्देश्यों को प्रभावशाली ढंग से प्राप्त करने के लिए रेखा अधिकारियों की सहायता करते हैं ।”

लुइस ए. ऐलन की इस परिभाषा से स्पष्ट है कि स्टॉफ (विशेषज्ञों) का कार्य सलाह देना होता है । विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह को मानना या न मानना रेखा अधिकारी पर निर्भर करता है यह एक सहायता प्रदान करने वाली व्यवस्था है । इसकी प्रकृति पूरकता की है तथा यह रेखा अधिकारियों को उन सूचना एवं तथ्यों को प्रदान करता है जिनके आधार पर वह नीतियों का निर्माण कर सके ।

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निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि रेखा एवं “स्टाफ” (विशेषज्ञ) संगठन, वह प्रारूप है जिसके अन्तर्गत रेखा अधिकारी सभी आदेशात्मक तथा निर्देशात्मक कार्य करता है तथा विशेषज्ञ सम्बन्धित समस्या पर विचार कर रेखा अधिकारी को परामर्श देता है जिसे वह स्वीकार करने के बाध्य नहीं है ।

मूने (Mooney) विशषज्ञों के कार्य को सहायक कार्य मानते हैं लिंडाल एफ. उर्विक के अनुसार रेखा अधिकारी का कार्य, “कार्य करना” (To Act) तथा विशेषज्ञ का कार्य “विचार करना” (To Think) है । अतएव, ऐसा कोई भी प्रारूप जिसमें आदेश तथा परामर्श का समायोजन हो, उसे रेखा तथा स्टॉफ (विशेषज्ञ) संगठन कहा जा सकता है ।

रेखा व कर्मचारी संगठन को निम्नलिखित चित्र द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है:

Essay # 2. रेखा एवं कर्मचारी संगठन की विशेषताएं (Characteristics of Line and Staff Organisation):

(i) “सोचने” व “करने” का कार्य अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा किया जाता है ।

(ii) अधिकार का क्रम भी बना रहता है और साथ ही विशेषज्ञों का परामर्श भी प्राप्त हो जाता है ।

(iii) अधिकार तथा उत्तरदायित्व का प्रवाह ऊपर से नीचे की ओर सीधी रेखा में होता है तथा शिकायत सुझाव व निवेदन नीचे से ऊपर की ओर चलते हैं ।

(iv) स्टॉफ को केवल परामर्श देने का अधिकार होता है । उन्हें आदेश देने या निर्णय लेने अथवा अपने निर्णय लागू करने के अधिकार नहीं होते उनके परामर्श को मानना या न मानना भी रेखा प्रबन्धकों की इच्छा पर निर्भर करता है ।

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(v) इस संगठन में भी “आदेश की एकता” रहती है क्योंकि यह कार्य तो रेखा अधिकारियों का ही रहता है ।

(vi) इस प्रारूप में रेखा तथा “स्टॉफ” दोनों की सेवाएँ उपलब्ध होती है ।

(vii) विशेषज्ञों का परामर्श वैज्ञानिक तथ्यों तथा वास्तविकता पर निर्भर करता है ।

Essay # 3. रेखा एवं कर्मचारी संगठन के लाभ (Advantages of Line and Staff Organisation):

इस संगठन के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

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(i) विशिष्टीकरण (Specialisation):

यह संगठन नियोजित विशिष्टीकरण पर आधारित है । “सोचना” स्टॉफ का कम होता है तथा “करना” लाइन का । इस तरह संस्था को विशिष्टीकरण के लाभ प्राप्त होते है ।

(ii) श्रेष्ठ निर्णय (Sound Decision):

इस संगठन में रेखा अधिकारियों को महत्वपूर्ण मामलों पर विशेषज्ञों से परामर्श मिलते रहते हैं जिसके फलस्वरूप रेखा अधिकारियों द्वारा लिए जाने वाले निर्णय अधिक श्रेष्ठ व सुदृढ़ होते हैं ।

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(iii) अनुशासन (Discipline):

इस संगठन में आदेश की एकता (Unity of Command) बनी रहती है । आदेश देने का अधिकार रेखा अधिकारियों के पास रहता है जिसके परिणामस्वरूप अनुशासन व नियन्त्रण प्रभावशाली चना रहता है ।

(iv) उन्नति व विकास के अनुसार (Opportunities for Promotion and Development):

इस संगठन प्रारूप में योग्य व कुशल कर्मचारियों को उन्नति के अवसर प्राप्त होते हैं । उन्हें अपनी प्रतिभा का विकास करने के लिए विशेषज्ञों से सहायता मिलती है । उत्तरदायित्व वाले पदों की संख्या बढ़ने से भी उन्हें उन्नति के अवसर प्राप्त होते हैं ।

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(v) रेखा अधिकारियों के कार्य-भार में कमी (Reduces the Burden of Line Executive):

रेखा अधिकारियों का कार्य-भार हल्का हो जाता है क्योंकि वे अपना काम “स्टाफ” कर्मचारियों की मदद से करते है ।

(vi) लोचता (Flexibility):

इस संगठन में विशेषज्ञों की सेवाएँ उपलब्ध होने के कारण व्यापार के विकास व विस्तार की सम्भावनाओं के अनुसार संगठन के आकार को समायोजित किया जा सकता है ।

(vii) मितव्ययिता (Economical):

विशेषज्ञों द्वारा दिए परामर्शों को अपनाने से उत्पादन लागत तथा विक्रय मूल्य में कमी की जा सकती । सभी प्रकार के अपव्ययों पर भी रोक लगती हे । साथ ही कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । इस प्रकार संगठन के इस प्रारूप के अन्तर्गत अनेक मितव्ययिताएँ प्राप्त की जाती हैं ।

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(viii) अन्य लाभ:

(a) यह पद्धति अनुसन्धान को प्रोत्साहित करती है क्योंकि विशेषज्ञ संगठन की समस्या पर निरन्तर अनुसंधान करते रहते हैं ।

(b) यह पद्धति रेखा अधिकारियों को परोक्ष रूप में प्रशिक्षण देने का कार्य करती है ।

Essay # 4. रेखा एवं कर्मचारी संगठन के दोष (Disadvantages of Line and Staff Organisation):

इसके मुख्य दोष निम्नलिखित हैं:

(i) खर्चीली (Expensive):

संगठन का यह प्रारूप काफी खर्चीला है । विशेषज्ञों की अधिकता व उनको दिया जाने वाला अधिक वेतन व्ययों में काफी वृद्धि कर देते हैं । इसके अतिरिक्त विशेषज्ञ अनुसन्धान कार्य करते हैं अत: उस पर भी खर्च करना पड़ता है एक छोटा उपक्रम तो इस संगठन को अपना ही नहीं सकता ।

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(ii) उत्तरदायित्व का अभाव (Lack of Responsibility):

“स्टॉफ” के परामर्श के क्रियान्वयन में हानि होने पर भी “स्टॉफ” को उत्तरदायित्व नहीं ठहराया जा सकता ।

(iii) परामर्श की उपेक्षा (Ignoring Advice):

विशेषज्ञ केवल सलाह दे सकते हैं । रेखा अधिकारी प्राय: उनकी सलाह की उपेक्षा करते हैं ।

(iv) टकराव की सम्भावना (Possibility of Conflict):

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“स्टॉफ” तथा “लाइन” के प्रबन्धकों के सम्बन्धों का यदि उचित स्पष्टीकरण नहीं किया जाए तो उनमें टकराव की सम्भावना बनी रहती है । विशेषज्ञ अपने आपको अपने क्षेत्र में श्रेष्ठ मानते हैं, जबकि “लाइन” अधिकारी अपने आपको उच्च मानते हैं ।

(v) रचनात्मक एवं पहल-शक्ति का अभाव (Lack of Creativity and Initiative):

“सोचने” तथा “करने” के कार्य अलग-अलग हो जाने के कारण रेखा अधिकारी विशेषज्ञों पर निर्भर हो जाते हैं जिससे उनके मूल विचार व पहल-शक्ति में शिथिलता आ जाती है ।

(vi) कार्य में अनावश्यक देरी (Unnecessary Delay):

रेखा अधिकारियों को कार्य करने से पूर्व विशेषज्ञों से सलाह लेनी पड़ती है । विशेषज्ञ काफी सोच-विचार के बाद सलाह देते हैं जिससे कार्य करने में अनावश्यक देरी होती है ।

(vii) अव्यावहारिक सलाह (Impracticable Advice):

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क्योंकि विशेषज्ञ कार्य की वास्तविक दशाओं से अनभिज्ञ होते है । इसलिए उनकी सलाह व्यावहारिक नहीं होती है ।

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