Here is an essay on ‘E-Mail’ for class 10, 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on ‘E-Mail’ especially written for school and college students in Hindi language.

Essay on E-Mail


Essay Contents:

  1. इलेक्ट्रानिक मेल अथवा ई-मेल का अर्थ (Meaning of Electronic Mail or E-Mail)
  2. ई-मेल भेजने की विधि (Process of Sending E-Mail)
  3. ई-मेल प्राप्त करने की विधि (Process of Receiving E- Mail)
  4. ई-मेल के लाभ (Advantages of E-Mail)
  5. ई-मेल की सीमाएँ (Limitations of E-Mail)


Essay # 1. इलेक्ट्रानिक मेल अथवा ई-मेल का अर्थ (Meaning of Electronic Mail or E-Mail):

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आधुनिक व्यावसायिक युग में सन्देश भेजने के लिए यह विधि बहुत ही महत्त्वपूर्ण है । जिस प्रकार डाक द्वारा किसी पत्र को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है, उसी प्रकार आज कम्प्यूटर के माध्यम से पत्र एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जाते हैं । इसके द्वारा सन्देश तीव्र गति में भेजने सम्भव होते हैं ।

ई-मेल के द्वारा जिस सन्देश या पत्र को भेजना होता है, उसकी सामग्री वर्ड प्रोफेसर द्वारा तैयार की जाती है, इसके नवान जिस पते पर यह पत्र भेजना होता है, वहाँ तक इसे टेलीफोन नेटवर्क द्वारा भेजा जाता है और सन्देश या पत्र की स्थ्यस्त जानकारी सम्बन्धित व्यक्ति के कम्प्यूटर स्कीम पर दिख जाती है । यदि आवश्यक हो तो सम्बन्धित व्यक्ति इसे प्रिण्ट भी कर सकता है ।

यदि किसी कारणवश सम्बन्धित व्यक्ति अनुपस्थित रहता है तो ऐसी स्थिति में सन्देश या पत्र कम्प्यूटर की स्मृति में संचित हो जाता है । इसके पश्चात् जैसे ही सम्बन्धित व्यक्ति वापस आता है वैसे ही कम्प्यूटर की घण्टी सूचना दे देती है कि कोई पत्र उसकी प्रतीक्षा में है ।

यदि दोनों पक्षों के कम्प्यूटर इण्टरनेट से जुड़े होते हैं तो ई-मेल के द्वारा एक व्यक्ति कम्प्यूटर द्वारा सन्देश को टाइप करके किसी दूसरे कम्प्यूटर तक भेज सकता है । इस प्रणाली में सन्देश तीव्र गति से पहुँचने के साथ-साथ सस्ता भी रहता है ।

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Essay # 2. ई-मेल भेजने की विधि (Process of Sending E-Mail):

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ई-मेल द्वारा सन्देश भेजने के लिए इण्टरनेट में आवश्यक यन्त्रों के साथ-साथ ई-मेल पता भी होना चाहिए इसके अतिरिक्त आवश्यक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है । जिस प्रकार यदि हम साधारण संदेश भेजते है तो हमें सन्देश प्राप्त करने वाले का नाम तथा पता आदि की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार इस प्रणाली में भी ई-मेल पते की आवश्यकता होती है ।

ई-मेल संदेश की सुविधा प्राप्त करने के लिए जब संदेश को ई-मेल पते के साथ इण्टरनेट आधारित कम्प्यूटर में डाला जाता है तो सबसे पहले विंडो के प्रारम्भ (Start) वाले चिह्न पर क्लिक (Click) करके ‘प्रोग्राम’ (Programme) चिह्न पर क्लिक (Click) किया जाता है । इसके बाद कम्प्यूटर में विद्यमान समस्त कार्यक्रम की सूची स्पष्ट दिखाई देती है ।

इस सूची में ‘Outlook Express’ भी दिखाई देता है तथा इस पर क्लिक (Click) करने से यह चालू हो जाता है । अब इसके स्क्रीन पर एक ‘न्यू मेल’ चिह्न दिखाई देता है । इसे क्लिक (Click) करने पर इसमें ‘न्यू मेसेज’ नाम की खिड़की खुलेगी । इसमें ‘टू’ (To) के आगे के भाग में ‘ई-मेल’ पता अंकित करना होता है । ‘टू’ के नीचे सी सी वाला भाग होता है ।

सन्देश एक से अधिक व्यक्तियों को भेजना होता है तो उन सभी व्यक्तियों का ‘ई-मेल’ का पता ‘कौमा’ (,) द्वारा अलग करके यहां लिख दिया जाता है इसके ठीक नीचे ‘सबजेक्ट’ (Subject) का भाग है । इस ‘सबजेक्ट’ के भाग पर सन्देश का मुख्य हिस्सा लिखा जाता है । इसके पास में ही एक बड़ी खाली जगह होती है और इसी पर संदेश लिखा जाता है ।

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पूर्ण सन्देश लिखने के पश्चात् ‘न्यू मेसेज’ खिड़की के बाईं ओर ऊपरी कोने में स्थित ‘सेन्ड’ (Send) नामक चिन्ह पर ‘क्लिक’ किया जाता है । यदि सन्देश भेजने वाला ‘मोडम’ (Modem) द्वारा इण्टरनेट से जुड़ा है तो उसका संदेश तुरन्त प्रेषित हो जाएगा ।

यदि ऐसा नहीं है तो सन्देश ‘आउट बॉक्स’ (Out box) नामक स्थान पर संचित हो जाएगा और जब वह ‘इण्टरनेट’ से जुडेगा तो यह सन्देश प्रेषित हो जाएगा । सन्देश हिन्दी में भी ‘ई-मेल’ किया जा सकता है । इसके लिए अतिरिक्त ‘सॉफ्टवेयर’ की आवश्यकता होती है । इसके लिए यह भी अनिवार्य है कि सम्प्रेषण प्राप्तकर्त्ता (Receiver) के कम्प्यूटर में भी हिन्दी का उपर्युक्त ‘सॉफ्टवेयर’ होना चाहिए ।


Essay # 3. ई-मेल प्राप्त करने की विधि (Process of Receiving E- Mail):

ई-मेल प्राप्त करना अपेक्षाकृत सरल है । यदि सन्देश प्राप्त करने वाले के कम्प्यूटर में ‘आउटलुक एक्सप्रेस’ या कोई ‘ई-मेल सॉफ्टवेयर’ लगा हो तो सन्देश प्राप्तकर्त्ता जैसे ही इण्टरनेट से जुड़ेगा, यह सॉफ्टवेयर अपने आप ही निश्चित सन्देश की जाँच करेगा । कोई भी सन्देश या डाक होने पर ‘कम्प्यूटर स्क्रीन’ के निचले भाग पर ‘टास्क बार’ (Task Bar) में एक-एक सन्देश चमककर सन्देश प्राप्तकर्त्ता को सूचित करेगा इस प्रकार वह आउटलुक एक्सप्रेस को खोलकर अपने ई-मेल सन्देश को पढ़ सकता है ।

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इस प्रकार हम देखते हैं कि ई-मेल द्वारा सन्देश भेजना आधुनिक युग में नई तकनीक के साथ ही सस्ता माध्यम है । इसमें किसी भी प्रकार की स्टेशनरी की आवश्यकता नहीं होती । केवल कम्प्यूटर के द्वारा ही घर बैठे विश्व के किसी भी देश में सन्देश को सम्बन्धित व्यक्ति के पास भेजा जा सकता है । इसके द्वारा सन्देश बहुत शीघ्रता से भेजना सम्भव है ।


Essay # 4. ई-मेल के लाभ (Advantages of E-Mail):

इसके लाभ प्रकार हैं:

(i) इसके द्वारा संदेश के लिखने तथा बोलने दोनों की ही सुविधा है ।

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(ii) यह व्यक्तिगत सन्देश के सम्प्रेषण में भी अत्यन्त उपयोगी है ।

(iii) अधिकांश व्यवसायी व उच्चस्तरीय अधिकारी सन्देश भेजने के लिए ई-मेल का ही प्रयोग करते हैं अत: आधुनिक युग में यह सन्देश भेजने के लिए एक लोकप्रिय साधन है ।


Essay # 5. ई-मेल की सीमाएँ (Limitations of E-Mail):

इसकी सीमाएँ निम्न हैं:

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(i) ई-मेल द्वारा सन्देश प्राप्त करने के लिए सन्देश प्राप्तकर्त्ता के पास भी ई-मेल की सुविधा होना आवश्यक है ।

(ii) सन्देश प्राप्तकर्त्ता को भी ई-मेल की जानकारी होना आवश्यक है ।


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