Read this article in Hindi to learn about the organization of industrial relations.

एक उपक्रम में औद्योगिक सम्बन्ध कार्यक्रम की सफलता, एक विचारणीय मात्रा तक, विभिन्न व्यक्ति प्रबन्ध नीतियों के प्रभावी परिचालन हेतु औद्योगिक सम्बध/मानव संसाधन प्रबन्ध की योग्यता पर निर्भर करता है ।

जैसा कि तंत्र में होता है दो प्रकार के प्रबन्धकर्मी शामिल होते है- (Line Officials) जो उत्पादन के लिए प्रत्यक्ष: उत्तरदायी होते हैं तथा (Staff Officials) जो एक परामर्शदात्री क्षमता में मुख्यत: काम करते हैं । उनकी भूमिकाओं का यह विखण्डन तंत्र में समस्याएँ उत्पन्न कर देता है ।

प्रबन्ध के साहित्य में एक पूर्णत: विचार रहा है Line तथा Staff के सन्दर्भ में कि स्टाफ का काम है, ‘गाइड करना,’ ‘सलाह देना,’ तथा ‘परामर्श देना’ जबकि लाइन का काम है ‘निर्णय लेना’ ‘नियन्त्रण करना’ या ‘अनुभव करना’ | वैस, प्रबन्ध में एक या कई प्रकार की कुछ अपात्तियों के बिना ‘लाइन’ तथा ‘स्टाफ’ को परिभाषित करना कठिन होता है ।

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यद्यपि इसे स्पष्ट करने के लिए अनेक प्रयास किये जा चुके हैं तथापि वे बुरी तरह से असफल ही हुए हैं, अत: यह ठीक ही कहा जाता रहा है कि कार्मिक प्रशासन की भूमिका पूर्णत: स्पष्ट नहीं है तथा इसका कभी भी सभी लोगों के लिए समान अर्थ नहीं लिया जा सकेगा ।

विशेष तौर पर स्टाफ तथा लाइन के बीच उत्तरदायित्व का विभाजन एक सतही समस्या की ओर इशारा करता है । रेखीय प्रबन्ध के निचले स्तरों तथा यहाँ तक कि स्वयं कार्मिक लोगों के बीच उच्च प्रबन्धकीय स्तरों पर संदेह तथा मतिभ्रम रहा है कि कौन से रेखीय तथा स्टाफ उत्तरदायित्व दैनिक के कार्यो के परिचालन में शामिल हैं ।

विभिन्न रेखीय तथा स्टॉफ उत्तरदायित्व जो औद्योगिक सम्बन्धों में शामिल हैं निम्नलिखित हैं:

(1) श्रृंखला प्रबन्धक का औद्योगिक सम्बन्ध उत्तरदायित्व (Line Manager’s Industrial Relations Responsibility):

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“लोगों का प्रत्यक्ष हस्थन प्रत्येक रेखीय प्रबन्धक के उत्तरदायित्व का एक महत्वपूर्ण भाग होता है तथा सदैव ही ऐसा रहा है, उच्च अधिकारी से (President या Chairman) निम्न स्तरीय अधीक्षक तक । ”ऐसी गतिविधियों के निष्पादन में, रेखीय प्रबन्धकों की औद्योगिक सम्बन्ध अधिकार/मानव संसाधन प्रबन्धक द्वारा सहायता की जाती है ।

(2) औद्योगिक सम्बन्ध अधिकारियों/मानव संसाधन प्रबन्धकों के स्टाफ का उत्तरदायित्व (The Industrial Relations Officers/H.R. Managers’, Staff Responsibility):

रेखीय प्रबन्धक द्वारा गतिविधियों के परिचालन में औद्योगिक सम्बन्ध अधिकारी द्वारा एक विशिष्टीकृत सहायता प्रदान की जाती है ।

ऐसा करने में, वह निम्न निर्देशन करके एक रेखीय भूमिका निभाता है:

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(a) एक रेखीय भूमिका (A Line Role):

औद्योगिक सम्बन्ध अधिकारी अपने निजी विभाग में तथा सेवा क्षेत्रों में जैसे कैन्टीन में, लोगो की गतविधियों को निर्देशित करके एक रेखीय भूमिका निभाता है ।

(b) एक समन्वयकर्त्ता की भूमिका (A Co-Ordinator Role):

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वह औद्योगिक सम्बध/मानव संसाधन प्रबन्ध गतिविधियों के एक समन्वय कार्य के रूप में भी काम करता है, पर ऐसा कर्त्तव्य जिसको बहुधा ‘Functional Control’ के रूप में सन्दर्भित किया जाता है ।

औद्योगिक सम्बन्ध प्रबन्धक/मानव संसाधन प्रबन्धक तथा उसका विभाग उच्च प्रशासक के दायें हाथ के रूप में काम करता है ताकि उसको यह आश्वासन मिल सके कि कार्मिक वस्तुनिष्ठ नीतियाँ तथा प्रक्रियाएँ जिनको रेखीय संगठन द्वारा अनुमोदित तथा ग्राह्या किया जा चुका है । रेखीय प्रबन्धक द्वारा सतत् तौर पर अंजाम दी जा चुकी हैं ।

(c) एक स्टाफ भूमिका (A Staff Role):

रेखीय प्रबन्धक के प्रति सेवा औद्योगिक सम्बन्धों/मानव संसाधन प्रबन्धक के काम की ‘रोजी रोट’ होती है । उदाहरण के लिए, वे सभी स्तरों पर कर्मचारियों की अभिप्राप्ति, प्रशिक्षण तथा विकास, अनुरक्षण, एकीकरण, आदि में सहायता करते हैं ।

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सेवा गतिविधियों के एक भाग बतौर औद्योगिक सम्बन्ध अधिकारी/मानव संसाधन प्रबन्धक एक आविष्कारकर्त्ता (Innovator) की भूमिका भी निभाता है । समस्याओं के समाधान की चालू प्रवृत्तियाँ तथा नई-नई विधियों पर अद्यतन सूचनाओं की व्यवस्था करके ऐसा किया जा सकता है जैसे जीवन की गुणवता में सुधार लाना ।

एक उपक्रम में रेखीय अधिसत्ता संगठन के अध्यक्ष से उपाध्यक्ष के माध्य से होती हुई उत्पादन विभाग के प्रभारी तथा फोरमैन तक अधोगामी होती है । फोरमैन या तो अकेले ही या कुछ फोरमैनों की सहायता के साथ कारखाना स्तर पर कर्मचारियों की गतिविधियों का निर्देशन तथा नियंत्रण करता है ।

एक संयंत्र में अधीक्षण की पर्तो की संख्या बहुआयामी (Multi-Tiered) हो जाती है, अत: तदानुसार अधीक्षण का स्तर बढ़ जाता है जो निश्चय ही अद्योगामी तथा उर्ध्वगामी दोनों ही संचारों की प्रभावोत्पादकता को अवरुद्ध करता है तथा यह आगे श्रम-प्रबन्ध सम्बन्धों को कुप्रभावित करता है ।

कुछ बड़ी-बड़ी यूनिटों में, एक विशिष्ट इंजीनियरिंग विभाग होता है जो मूल्यांकन, समय तथा गति अध्ययन, उत्पादन मानदण्डों के निर्धारण तथा मजदूरी प्रोत्साहनों, आदि से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देता है ।

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वास्तव में, औद्योगिक सम्बन्ध तत्र के संगठन में विभिन्न प्रकारों के अभिनेता अपन-अपनी भूमिकाएँ निभाते हैं, उनके सम्बन्धों की सही-सही प्रकृति का केवल उनके द्वारा ही अनुमान लगाया जा सकता है जो इसके साथ काम करते हैं, लेकिन इसको संगठनात्मक चार्ट पर दिखाया नहीं जा सकता है ।