वैज्ञानिक प्रबंधन के लाभ | Read this article in Hindi to learn about the advantages of scientific management.

निर्माता अथवा उत्पादकों को लाभ (Advantages to Manufactures or Producers):

(i) उत्पादन लागत में कमी (Reduction in Cost of Production):

वैज्ञानिक प्रबन्ध को लागू करने से संस्था के साधनों का सदुपयोग होता है, उत्पादन विधि में सुधार होता है तथा श्रमिकों की उत्पादकता बढ़ जाती है । अत: उत्पादन लागत कम हो जाती है ।

(ii) उत्पादन की किस्म में सुधार (Improvement in Quality of Production):

वैज्ञानिक प्रबन्ध प्रणाली में अच्छे किस्म के कच्चे माल, आधुनिक मशीनों, औजारों व साजो-सामान का प्रयोग किया जाता है तथा कबेर नियन्त्रण व पर्याप्त देख-रेख होने से उत्पादन की किस्म में सुधार होता है ।

(iii) श्रम-विभाजन व विशिष्टीकरण के लाभ (Advantages of Division of Labour and Specialisation):

वैज्ञानिक प्रबन्ध श्रम-विभाजन एवं विशिष्टीकरण के सिद्धान्तों पर आधारित होता है कर्मचारियों को उनकी योग्यता के अनुसार कार्य दिया जाता है इससे उत्पादकों को अनेक प्रकार की मितव्ययताएँ (Economics) प्राप्त होती हैं जिनसे उनको अधिक लाभ होता है ।

(iv) आय में वृद्धि (Increase in Income):

वैज्ञानिक प्रबन्ध को लागू करने से संस्था की उत्पादकता बढ़ती है तथा उसकी उत्पादन लागत कम हो जाती है, जिससे वस्तुओं के मूल्य कम रखे जा सकते हैं । परिणामस्वरूप, उनकी माँग में वृद्धि होती है तथा उत्पादन अधिक किया जाता है । अधिक उत्पादन से संस्था की आय में वृद्धि होती है । इस बड़ी हुई आय का एक भाग श्रमिकों को अधिक मजदूरी के रूप में दिया जाता है ।

(v) औद्योगिक शान्ति (Industrial Peace):

वैज्ञानिक प्रबन्ध लागू होने से श्रमिकों की मजूदूरी बढ़ती है । साथ ही काम करने की दशाओं में सुधार होता है । वैज्ञानिक प्रबन्ध में मानसिक क्रान्ति पर इतना बल दिया जाता है कि श्रमिक व निर्माता प्रतिद्वन्द्वी न होकर एक-दूसरे के सहयोगी बन जाते हैं जिससे संस्था में औद्योगिक शान्ति बनी रहती है ।

(vi) उत्पादन-प्रक्रिया एवं सुविधाओं का प्रमापीकरण तथा सरलीकरण (Standardisation and Simplification of Production Processes and Facilities):

वैज्ञानिक प्रबन्ध के अन्तर्गत मशीन, औजार तथा साजो-सामान को सरल तथा प्रमापित किया जाता है जिससे उत्पादन प्रक्रिया सरल हो जाती है तथा निर्मित वस्तु की किस्म में एकरूपता (Uniformity) आती है ।

(vii) अधिक उत्पादन (Increase in Production):

वैज्ञानिक प्रबन्ध के लागू करने से संस्था के सभी साधनों का सदुपयोग होता है । अतएव श्रेष्ठ मशीनों व उपकरणों के प्रयोग अनुकूल वातावरण तथा मानसिक क्रान्ति के कारण अधिक तथा उत्तम उत्पादन सम्भव होता है ।

(viii) पूर्ण नियन्त्रण सम्भव (Full Control Possible):

वैज्ञानिक प्रबन्ध द्वारा निर्माता संस्था के सभी सूक्ष्म से सूक्ष्म तत्वों का पूरी तरह से नियन्त्रण करने में सफल होते हैं ।

श्रमिकों को लाभ (Advantages to Labour):

वैज्ञानिक प्रबन्ध से श्रमिकों को होने वाले लाभ अग्रलिखित हैं:

(i) कार्य की दशाओं में सुधार (Improvement in Work Conditions):

वैज्ञानिक प्रबन्ध का एक महत्वपूर्ण तत्व संस्था में काम करने की दशाओं में सुधार करना है । श्रमिकों के काम के घण्टे कम हो जाते हैं तथा उन्हें आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर भी दिए जाते हैं ।

(ii) मजुदूरी में वृद्धि (Increase in Wages):

वैज्ञानिक प्रबन्ध के लागू होने पर श्रमिकों की कार्यक्षमता बढ़ जाती है तथा उत्पादन भी अधिक होने लगता है । परिणामस्वरूप, श्रमिकों की मजूदूरी व वेतन में भी वृद्धि होती है । अनुभव यह बताते हैं कि वैज्ञानिक प्रबन्ध के लागू होने पर श्रमिकों को 30% से 100% तक अधिक मजूदूरी मिलती है ।

(iii) कार्यकुशलता में वृद्धि (Increase in Efficiency):

सही व्यक्ति को सही काम दिये जाने पर, उचित प्रशिक्षण दिए जाने पर तथा काम करने के लिए प्रमापीकृत सामग्री एवं उपकरण उपलब्ध कराने के कारण श्रमिकों की कार्यकुशलता में वृद्धि होती है ।

(iv) जीवन-स्तर में सुधार (Improvement in Standard of Living):

वैज्ञानिक प्रबन्ध के फलस्वरूप श्रमिकों को अधिक मजदूरी मिलती है तथा उन्हें अपनी आय और अधिक बढ़ाने के लिए प्रेरणा भी मिलती है । अत: आय में वृद्धि से उनके जीवन-स्तर में सुधार आता है ।

(v) नि:शुल्क प्रशिक्षण तथा रुचि के अनुसार कार्य (Free Training and Placement According to Interest):

वैज्ञानिक प्रबन्ध में प्रशिक्षण का दायित्व निर्माता पर होता है । अत: श्रमिकों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है । साथ ही श्रमिकों को उनकी योग्यता तथा रुचि के अनुसार कार्य दिया जाता है ।

(vi) नीरसता में कमी (Reduction in Monotony):

वैज्ञानिक प्रबन्ध में असिकों को उनकी रुचि तथा योग्यता के अनुसार कार्य दिया जाता है जिससे उन्हें अपने कार्य को करने में आनन्द आता है । परिणामस्वरूप, श्रमिकों में अपने कार्य के प्रति नीरसता पैदा नहीं होती ।

(vii) स्वास्थ्यप्रद एवं शान्तिपूर्ण वातावरण (Healthy and Peaceful Atmosphere):

वैज्ञानिक प्रबन्ध में श्रमिकों के कार्य की दशाओं में पर्याप्त सुधार होता है तथा उन्हें अनेक प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप श्रमिक काम को अधिक आराम कुशलता तथा सन्तोष के साथ पूरा कर सकते हैं ।

(viii) मानसिक क्रान्ति (Mental Revolution):

वैज्ञानिक प्रबन्ध में श्रम तथा पूंजी दोनों के दृष्टिकोणों, विचारी तथा मनोवृत्तियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है । दोनों पक्ष परस्पर सहयोग से कार्य करते हैं । अत: दोनों पक्षों को इस बात का विश्वास होता है कि उनके हित एक-दूसरे के लिए प्रतिकूल नहीं हैं ।

समाज तथा राष्ट्र को लाभ (Advantages to Society and Nation):

(i) औद्योगिक विकास (Industrial Development):

वैज्ञानिक प्रबन्ध में बड़े पैमाने पर उत्पादन करना सम्भव हो जाता है, जिससे देश में बड़े-बड़े उद्योगों को लगाया जाता है । औद्योगिक शान्ति होने के कारण भी उद्योगों का तीव्र विकास करना सम्भव होता है ।

(ii) राष्ट्रीय आय में वृद्धि (increase in National Income):

बड़े कोने पर उत्पादन होने से देश के उद्योगों व व्यवसाय का विकास होता है । फलस्वरूप राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है ।

(iii) आर्थिक सम्पन्नता (Economic Prosperity):

राष्ट्रीय आय में वृद्धि होने से पूंजी-निर्माण (Capital Formation) की दर बढ़ती है तथा आर्थिक विकास की गति सुधरती है । इससे देश में आर्थिक सम्पन्नता आती है ।

(iv) औद्योगिक शान्ति (Industrial Peace):

वैज्ञानिक प्रबन्ध लागू हो जाने पर श्रम व पूंजी में संघर्ष नहीं होता अपितु दोनों में मधुर सम्बन्ध स्थापित हो जाते है । इससे राष्ट्र में औद्योगिक शान्ति स्थापित हो जाती है ।

(v) कर-देय क्षमता में वृद्धि (Increase in Tax Paying Capacity):

वैज्ञानिक प्रबन्ध की तकनीकों से उत्पादन बढ़ता है, वस्तुओं की उत्पादन लागत कम होने से वस्तुएँ पहले की अपेक्षा सस्ती मिलती है, इससे वस्तुओं की माँग बढ़ती है जिससे निर्माताओं को अधिक लाभ होता है । साथ ही, प्रबन्धकों कर्मचारियों व श्रमिकों की आय में भी बढ़ोतरी होती है । अतएव, इन सभी वर्गों की कर चुकाने की क्षमता में वृद्धि होती है ।

(vi) राष्ट्र को सस्ती व उन्नत किस्म की वस्तुएँ उपलब्ध (Availability of Cheaper and Quality Goods to Nation):

वैज्ञानिक प्रबन्ध के कारण प्रति इकाई लागत कम आती है तथा वस्तुएँ पहले की अपेक्षा सस्ती मिलती है । कच्चे माल, मशीनों व उपकरणों के प्रमापित होने से वस्तुएँ अच्छी किस्म की निर्मित होती हैं । फलस्वरूप राज्य को सस्ती तथा अच्छी किस्म की वस्तुएँ प्राप्त होती है ।