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व्यक्तियों द्वारा कैरियर योजना चार चरणों में की जाती है- (a) स्व-मूल्यांकन। (b) व्यवसाय पर सूचना एकत्र करना (c) लक्ष्य चयन (d) योजना और कार्यान्वयन
(ए) स्वमूल्यांकन:
सबसे पहले, व्यक्ति को अच्छी तरह से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उन्हें परामर्श, मार्गदर्शन और परीक्षण द्वारा ऐसा करने में मदद की जाती है। माता-पिता, दोस्तों, और पर्यवेक्षकों से प्रतिक्रिया भी व्यक्तियों को खुद को बेहतर जानने में मदद कर सकती है। स्व-निर्देशित खोज जैसे सिमुलेशन व्यक्ति को आत्म-जागरूक बनने में मदद कर सकते हैं।
(ख) कब्जे पर जानकारी जुटाना:
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वर्तमान नौकरी के अवसरों की जानकारी व्यक्तियों को करियर, नौकरी और नियोक्ताओं के अपने विकल्पों में मदद करती है।
(सी) लक्ष्य चयन:
प्रत्येक व्यक्ति को अपने करियर की योजना बनाते समय, कैरियर में मांगे गए लक्ष्यों को निर्धारित करना चाहिए।
लक्ष्यों में शामिल हो सकते हैं;
(I) विभिन्न आयु स्तरों पर लक्ष्य वेतन,
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(II) विशिष्ट आयु में पर्यवेक्षण किए जाने वाले व्यक्तियों की संख्या,
(III) एक निश्चित आयु तक एक शीर्षक प्राप्त करने के लिए,
(IV) किसी विशेष उम्र में किसी व्यवसाय के मालिक हैं या नहीं।
(घ) योजना और कार्यान्वयन:
वास्तविक करियर की सफलता के लिए अक्सर 'सफलता की शतरंज खेलना' की आवश्यकता होती है। समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नियमित चौकियों को नियोजित किया जाता है।